सप्लीमेंट्स, लिवर और किडनी का स्वास्थ्य: साइड इफेक्ट्स

प्रिया शर्मा
Academic Research
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आजकल, बेहतर स्वास्थ्य और फिटनेस के लिए सप्लीमेंट्स का उपयोग बहुत बढ़ गया है। लोग विटामिन, मिनरल, प्रोटीन पाउडर और हर्बल सप्लीमेंट्स जैसे कई प्रकार के सप्लीमे...

सप्लीमेंट्स, लिवर और किडनी का स्वास्थ्य: दुष्प्रभावों को समझना

आजकल, बेहतर स्वास्थ्य और फिटनेस के लिए सप्लीमेंट्स का उपयोग बहुत बढ़ गया है। लोग विटामिन, मिनरल, प्रोटीन पाउडर और हर्बल सप्लीमेंट्स जैसे कई प्रकार के सप्लीमेंट्स का इस्तेमाल कर रहे हैं। ये सप्लीमेंट्स शरीर को अतिरिक्त पोषण देने और कुछ स्वास्थ्य समस्याओं से बचाने में मदद कर सकते हैं। हालांकि, यह जानना जरूरी है कि इन सप्लीमेंट्स का लिवर और किडनी पर क्या असर होता है। कुछ सप्लीमेंट्स के गलत इस्तेमाल से लिवर और किडनी को नुकसान हो सकता है। इसलिए, सप्लीमेंट्स का सही ज्ञान होना और उनका सावधानीपूर्वक उपयोग करना आवश्यक है।

सप्लीमेंट्स के सामान्य प्रकार

बाजार में कई तरह के सप्लीमेंट्स उपलब्ध हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं:

  • विटामिन: विटामिन ए, सी, डी, ई और बी कॉम्प्लेक्स जैसे विटामिन शरीर के लिए जरूरी हैं। ये शरीर की कई क्रियाओं को सही रखने में मदद करते हैं।
  • मिनरल: कैल्शियम, आयरन, जिंक और मैग्नीशियम जैसे मिनरल भी शरीर के लिए आवश्यक हैं। ये हड्डियों को मजबूत बनाने, खून बनाने और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करते हैं।
  • हर्बल सप्लीमेंट्स: अश्वगंधा, तुलसी, अदरक और लहसुन जैसे हर्बल सप्लीमेंट्स भी लोग इस्तेमाल करते हैं। ये शरीर को बीमारियों से बचाने और स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करते हैं।
  • प्रोटीन पाउडर: व्हे प्रोटीन, सोया प्रोटीन और कैसीन प्रोटीन जैसे प्रोटीन पाउडर मांसपेशियों को मजबूत बनाने और शरीर को ऊर्जा देने में मदद करते हैं।

लिवर और किडनी पर सप्लीमेंट्स का प्रभाव

कुछ सप्लीमेंट्स लिवर और किडनी को नुकसान पहुंचा सकते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि लिवर और किडनी शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालने का काम करते हैं। जब हम अधिक मात्रा में सप्लीमेंट्स लेते हैं, तो लिवर और किडनी पर अधिक दबाव पड़ता है और वे ठीक से काम नहीं कर पाते हैं। जागरण की एक रिपोर्ट के अनुसार, सप्लीमेंट्स का गलत तरीके से इस्तेमाल लिवर और किडनी को नुकसान पहुंचा सकता है।

उदाहरण के लिए:

  • विटामिन ए: अधिक मात्रा में विटामिन ए लेने से लिवर को नुकसान हो सकता है।
  • आयरन: अधिक मात्रा में आयरन लेने से लिवर में आयरन जमा हो सकता है, जिससे लिवर खराब हो सकता है।
  • हर्बल सप्लीमेंट्स: कुछ हर्बल सप्लीमेंट्स, जैसे कि ग्रीन टी एक्सट्रैक्ट और कावा, लिवर के लिए हानिकारक हो सकते हैं।

सप्लीमेंट्स के सेवन में होने वाली सामान्य गलतियाँ

सप्लीमेंट्स लेते समय लोग कई गलतियाँ करते हैं, जिनसे लिवर और किडनी को नुकसान हो सकता है:

  • अनुशंसित खुराक से अधिक लेना: सप्लीमेंट्स की खुराक हमेशा डॉक्टर या विशेषज्ञ द्वारा बताई गई मात्रा में ही लेनी चाहिए। अधिक मात्रा में लेने से लिवर और किडनी पर दबाव बढ़ सकता है।
  • डॉक्टर से सलाह लिए बिना सप्लीमेंट्स लेना: किसी भी सप्लीमेंट को लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है। डॉक्टर आपकी स्वास्थ्य स्थिति और दवाओं के आधार पर सही सप्लीमेंट और खुराक बता सकते हैं।
  • अन्य दवाओं के साथ सप्लीमेंट्स का संयोजन: कुछ सप्लीमेंट्स अन्य दवाओं के साथ मिलकर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। इसलिए, डॉक्टर को अपनी सभी दवाओं और सप्लीमेंट्स के बारे में बताना जरूरी है।
  • अविश्वसनीय स्रोतों से सप्लीमेंट्स खरीदना: हमेशा विश्वसनीय स्रोतों से ही सप्लीमेंट्स खरीदने चाहिए। नकली या मिलावटी सप्लीमेंट्स स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं।

लिवर या किडनी की क्षति के लक्षण

सप्लीमेंट्स के कारण लिवर या किडनी को नुकसान होने पर कुछ लक्षण दिखाई दे सकते हैं:

  • पीलिया: त्वचा और आँखों का पीला होना।
  • पेट में दर्द: पेट के ऊपरी दाहिने हिस्से में दर्द होना।
  • थकान: अत्यधिक थकान महसूस होना।
  • भूख न लगना: भूख कम लगना या बिल्कुल न लगना।
  • उल्टी: उल्टी या मतली होना।
  • पैर और टखनों में सूजन: पैर और टखनों में सूजन आना।
  • पेशाब में बदलाव: पेशाब की मात्रा या रंग में बदलाव होना।

यदि आपको इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई दे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। जागरण की एक रिपोर्ट में हेपेटाइटिस-ए के लक्षणों के बारे में भी बताया गया है, जो लिवर को प्रभावित कर सकता है।

सुरक्षित रूप से सप्लीमेंट्स का उपयोग कैसे करें

सप्लीमेंट्स का उपयोग करते समय जोखिमों को कम करने के लिए निम्नलिखित सुझावों का पालन करें:

  • डॉक्टर से सलाह लें: किसी भी सप्लीमेंट को लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।
  • लेबल निर्देशों का सावधानीपूर्वक पालन करें: सप्लीमेंट के लेबल पर दिए गए निर्देशों का पालन करें।
  • उच्च गुणवत्ता वाले सप्लीमेंट्स का चयन करें: हमेशा विश्वसनीय स्रोतों से उच्च गुणवत्ता वाले सप्लीमेंट्स खरीदें।
  • लिवर और किडनी के स्वास्थ्य की निगरानी करें: नियमित रूप से अपने लिवर और किडनी के स्वास्थ्य की जांच करवाएं।

लिवर और किडनी को Detox कैसे करें

डिटॉक्सिफिकेशन का मतलब है शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालना। कुछ लोग डिटॉक्स सप्लीमेंट्स का उपयोग करते हैं, लेकिन इनका वैज्ञानिक आधार बहुत कम है। लिवर और किडनी प्राकृतिक रूप से शरीर को डिटॉक्स करते हैं। स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर आप अपने लिवर और किडनी को स्वस्थ रख सकते हैं:

  • संतुलित आहार: फल, सब्जियां, साबुत अनाज और स्वस्थ वसा का सेवन करें।
  • नियमित व्यायाम: नियमित रूप से व्यायाम करें।
  • पर्याप्त नींद: पर्याप्त नींद लें।
  • पानी: खूब पानी पिएं।
  • शराब और धूम्रपान से बचें: शराब और धूम्रपान से बचें।

निष्कर्ष

सप्लीमेंट्स शरीर को अतिरिक्त पोषण देने में मदद कर सकते हैं, लेकिन इनका उपयोग सावधानीपूर्वक करना चाहिए। सप्लीमेंट्स लेते समय डॉक्टर से सलाह लेना, लेबल निर्देशों का पालन करना और उच्च गुणवत्ता वाले सप्लीमेंट्स का चयन करना जरूरी है। स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर आप अपने लिवर और किडनी को स्वस्थ रख सकते हैं। जी न्यूज की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि कैसे हमारी आदतें स्वास्थ्य को प्रभावित करती हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

क्या सभी सप्लीमेंट्स लिवर और किडनी के लिए हानिकारक हैं? नहीं, सभी सप्लीमेंट्स लिवर और किडनी के लिए हानिकारक नहीं होते हैं। कुछ सप्लीमेंट्स, जैसे कि विटामिन और मिनरल, शरीर के लिए जरूरी होते हैं। हालांकि, कुछ सप्लीमेंट्स, जैसे कि हर्बल सप्लीमेंट्स और प्रोटीन पाउडर, अधिक मात्रा में लेने पर लिवर और किडनी को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
मुझे कैसे पता चलेगा कि मुझे सप्लीमेंट्स से साइड इफेक्ट्स हो रहे हैं? सप्लीमेंट्स से साइड इफेक्ट्स होने पर कुछ लक्षण दिखाई दे सकते हैं, जैसे कि पीलिया, पेट में दर्द, थकान, भूख न लगना, उल्टी, पैर और टखनों में सूजन और पेशाब में बदलाव। यदि आपको इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई दे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
मैं अपने लिवर और किडनी को स्वस्थ कैसे रख सकता हूं? आप अपने लिवर और किडनी को स्वस्थ रखने के लिए स्वस्थ जीवनशैली अपना सकते हैं। इसमें संतुलित आहार लेना, नियमित रूप से व्यायाम करना, पर्याप्त नींद लेना, खूब पानी पीना और शराब और धूम्रपान से बचना शामिल है।
क्या "डिटॉक्स" सप्लीमेंट्स सुरक्षित और प्रभावी हैं? डिटॉक्स सप्लीमेंट्स का वैज्ञानिक आधार बहुत कम है। लिवर और किडनी प्राकृतिक रूप से शरीर को डिटॉक्स करते हैं। स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर आप अपने लिवर और किडनी को स्वस्थ रख सकते हैं।
प्रिया शर्मा
Contributing Scholar
ज्ञानं परमं ध्येयम्
"Knowledge is the supreme goal"